दिल्ली की किल्ली और तोमर राजवंश के गुप्त भैरव

जुलाई 16, 2016

संस्‍कृति भी ऑन लाइन होगी , कवियों स ाहित्‍यकारों के साथ एन.जी.ओ. की ने टवर्क भी ऑनलाइन होगी

नवम्बर 27, 2009

संस्‍कृति भी ऑन लाइन होगी , कवियों साहित्‍यकारों के साथ एन.जी.ओ. की नेटवर्क भी ऑनलाइन होगी

मुरैना 28 नवम्‍बर 09, चम्‍बल की प्रसिद्ध स्‍वयंसेवी संस्‍था ‘’संस्‍कृति’’ भी शीघ्र ही ऑन लाइन होकर इण्‍टरनेट पर आ रही है । ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह संस्‍कृति संस्‍था को ऑनलाइन करने की व्‍यापक तैयारीयां कर रहा है ।

संस्‍कृति की वेबसाइट इण्‍टरेक्टिव होगी तथा साहित्‍यकार, कवि एवं स्‍वयंसेवी संगठनों की विशाल नेटवर्क संस्‍कृति की वेबसाइट पर उपलब्‍ध होगी , साथ ही संस्‍कृति अपनी परियोजनाये, सूचना का अधिकार सहित कई अनेक चैनल उपलब्‍ध करायेगी ।

संस्‍कृति के निदेशक प्रसिद्ध कवि एवं साहित्‍यकार देवेन्‍द्र तोमर ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह से जुड़कर संस्‍कृति संस्‍था के कार्यो की बृहद परियोजना बनाने में जुटे हैं । संस्‍कृति की वेबसाइट में चम्‍बल के ही नहीं बल्कि देश भर के साहित्‍यकारों व कवियों को उनकी रचनाओं के साथ एक जगह पर ही प्रकाशित किया जायेगा । और कई ख्‍यातनाम साहित्‍यकारों व कवियों की दुर्लभ कृतियां भी यहॉं पढ़ीं जा सकेगी । उनकी तथा स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं की विशाल नेटवर्क एवं डायरेक्‍ट्री भी यहॉं मय वेबसाइट उपलब्‍ध होगी । जिसमें आनलाइन पंजीयन कराने से लेकर प्रकाशन प्रसारण वेब नेटवर्किंग जैसी सुविधायें तथा आटो अपडेशन एवं आटो पब्‍िलिशिंग की सुविधा भी दी जायेगी ।

ग्‍वालियर टाइम्‍स के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी एवं प्रधान संपादक नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द’’ वेब साइट की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं । इसके पश्‍चात चम्‍बल की करीब 16 अन्‍य स्‍वयंसेवी संस्‍थायें भी ऑन लाइन की जायेंगी । नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द’’ ने कहा है कि चम्‍बल के बारे में विश्‍व में व्‍याप्‍त भ्रांतियां दूर कर असल चम्‍बल से परिचित कराने के अपनी परियोजना के दूसरे चरण पर तथा ई कामर्स व ई गवर्नेन्‍स के तीसरे चरण को नेशनल नोबल यूथ अकादमी ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है । शीघ्र ही वे ग्‍वालियर चम्‍बल में एक विशेष अभियान छेड़ कर कार्यक्रम को गति देंगे ।

ग्‍वालियर टाइम्‍स ग्‍वालियर चम्‍बल के पत्रकारों, राजनेताओं, विद्यालयों, महाविद्यालयों, चिकित्‍सकों, अभिभाषकों की डायरेक्‍ट्री भी शीघ्र ही ऑनलाइन करने जा रही है यह भी इण्‍टरेक्टिव होगी और इसमें भी आन लाइन पंजीयन, आटो अपडेशन व आटो पब्‍िलिशंग की सुविधा रहेगी ।

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दल तंत्र भगाओ – जनतंत्र बचाओ अभियान में सहभागिता की अपील- गोपाल दास गर ्ग

नवम्बर 20, 2009

दल तंत्र भगाओ – जनतंत्र बचाओ अभियान में सहभागिता की अपील- गोपाल दास गर्ग

सम्मानीय देशवासियों,

आज की दल तंत्रीय राजनीति ने देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखना प्रश्नांकित कर दिया है। समूचे देश में चारों तरफ देश का विद्यटन हो रहा है। प्रत्येक राजनीतिक दल अपनी अपनी सत्ता और संप्रभुता स्थापित करने में लगा है। जिसके लिये वह आये दिन दलवाद, जातिवाद, लिंगवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, आर्थिक सम्पन्नता/विपन्नता वाद आदि अनेकानेक वादों का जहर फैलाकर अपने अपने तरीके से अपने लक्ष्य को पाने के लिये अमर्यादित आचरण कर रहा है।

यदि समय रहते जनतंत्र को बचाने का कोई कारगर उपचार नहीं हुआ तो देश से जंनतंत्र पूरी तरह मिट जावेगा। देश टुकड़े-टुकड़े हो जावेगा। आज का शोषित वर्ग और अधिक शोषित होगा तथा दल तंत्रीय राजनीति के पोषक, स्वंयभू बन जावेगें।

अभियान का किसी दल से या दल के प्रत्याशी से कोई विरोध नहीं है अपितु दल तंत्रीय शासन प्रणाली से विरोध है। दल का प्रत्याशी कहने को जनप्रतिनिधि होता है किन्तु व्यवहारिक सत्य यह है कि वह जनप्रतिनिधि के नाम वास्तविक तौर पर वह अपने दल का प्रतिनिधि होता है। उसकी निष्ठा पूर्णत: अपने दल के प्रति होती है। दल का प्रत्याशी देश, देश के संविधान, देश की जनता या क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति कतई वफादार नहीं होता। वह केवल अपने दल के प्रति ही वफादार रहता है। लोकसभा या विधानसभा में प्रस्तुत विषयों पर वह अपने दल के हितों के अधीन अपना वोट देता है न कि जनहित में। इस प्रकार जनहित, दलीय राजनीति में नष्ट हो जाता है।

दल का प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि के रूप में समय-समय पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 173 (क) अंतर्गत बारम्बार यह शपथ लेता है कि वह विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रध्दा और निष्ठा रखेगा तथा भारत की संप्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण रखेगा। किन्तु व्यवहार में वह इस शपथ को भूल जाता है और दलीय दल-दल में उलझ जाता है।

इस सत्य का प्रमाण आये दिन सदन में सभी दलों द्वारा किये जा रहे आचरण से स्पष्ट प्रमाणित हो रहा है। कोई भी दल तथा उसके प्रतिनिधि स्परूप चुना गया प्रतिनिधि, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति न तो सच्ची श्रध्दा रखता है और न ही निष्ठा।

जनता द्वारा चुनें गये ये सभी जनप्रतिनिधि, भारत की संप्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण न रखकर, केवल अपने-अपने दल की संप्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये भारत के संविधान तथा उसके अंतर्गत निर्मित एवं स्थापित विधि के विपरीत प्राय: अविधिक आचरण कर सदनों को आये दिन शर्मसार करते रहते है। सभी राजनीतिक दलों का यह आचरण, जनतंत्र की हत्या कर, दल तंत्र की महत्ता को प्रतिस्थापित करने की ओर अग्रसर होना इंगित करता है।

जनप्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप-प्रत्यारोप एक दल, दूसरे दल पर आये दिन लगाता रहता है किन्तु रिश्वत लेने व देने के लिये निर्मित भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत अपेक्षित कार्यवाही करने या कराने की पहल किसी भी दल द्वारा नहीं की जाती है। राजनीतिक दलों का यह आचरण भारत की जनता को यह संदेश देता हैं कि कोई भी दल भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रध्दा और निष्ठा नहीं रखता है और न ही संसद द्वारा बनाये गये किसी कानून के अनुपालन में उनकी स्वयं की कोई रूचि ही है।

भारत देश में संवैधानिक विधि द्वारा निर्मित व स्थापित कानून का शासन है जो देश के प्रत्येक राजनीतिक दल, दल के पदाधिकारी, प्रतिनिधि, कार्यकर्ता एवं नागरिक पर बिना किसी भेदभाव के समान रूप से प्रभावी है। किन्तु आये दिन देखने में यह आ रहा है कि कोई भी राजनीतिक दल संवैधानिक विधि द्वारा निर्मित व स्थापित कानून का पालन नहीं करना चाहता है तथा संवैधानिक विधि द्वारा निर्मित व स्थापित कानून को कानून मानने के लिये तैयार नहीं है।

प्रत्येक राजनीतिक दल स्वविचारित विचार को ही कानून की संज्ञा देकर, जनहित के नाम पर, अपने-अपने दलों की श्रेष्ठता व महत्ता को प्रतिष्ठित व प्रतिपादित करने के लिये आये दिन समूचे देश में हड़ताल, बाजार बंदी, चक्काजाम, तोड़-फोड़, लूटपाट, दंगाफसाद, धार्मिक उन्माद, बम विस्फोट आदि अनेकानेक भिन्न-भिन्न विद्यटनात्मक तथा हिंसात्मक तरीके अमल में लाते हुये राष्ट्रीय सम्पत्तियों को क्षति तथा देश की आम जनता को जन-धन की हानि पहुचाने जैसी गतिविधियों में संलग्न रहता है। दलबंदी के इस आचरण से देश में भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार और महगांई में आये दिन उत्तरोत्तर वृध्दि होती जा रही है। राजनीतिक दलों का यह आचरण जनतंत्र की हत्या कर, दल तंत्रीय राष्ट्र्र्र की स्थापना किये जाने का द्योतक है।

इसलिये दलतंत्र भगाओं – जनतंत्र बचाओं अभियान का दीप प्रज्वलित करना आज के समय की प्रासंगिकता है।

दल तंत्र को भगाना और जनतंत्र को बचाना हमारे अभियान का लक्ष्य है। लक्ष्य प्राप्ति के चार कारक है 1. निष्ठा 2. श्रम 3. कर्म 4. साधना। यदि आप देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत है और अपनी स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु संकल्पित, देश पर अपनी जान न्यौछावर करने हेतु तत्पर, किसी भी प्रकार के लालच से परे, निष्ठा के धनी, श्रम को समर्पित, कर्म के पुजारी और साधना के साधक है तो इस अभियान को गति प्रदान करने में अपना योगदान दे सकते है।

दलतंत्र भगाओ – जनतंत्र बचाओं अभियान के दीप – प्रज्जवन का प्रथम चरण, हमारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुरैना विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना था। इस कार्य के लिये हमें किसी भी प्रकार के धनबल व बाहुबल की कतई दरकार नहीं रही। हमने सिर्फ मतदाता के जनमत समर्थन को शीर्ष प्राथमिकता दी। हम यह अच्छी तरह जानते है कि दलतंत्र का खात्मा धनबल या बाहुबल से नहीं किया जा सकता है। दल तंत्र का खात्मा केवल जनमत से ही हो सकता है।

भारत देश के वासियों एवं मतदाताओं से अभियान की यह अपील है कि दलतंत्र को भगाकर जनतंत्र को बचाने के लिये भारत का प्रत्येक मतदाता भावी चुनावों (लोकसभा/विधानसभा/स्थानीय संस्थाओं के चुनाव) में अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट दलों के किसी भी प्रत्याशी को न देकर केवल निर्दलीय प्रत्याशियों को ही अपना वोट दे। एवं दल तंत्र भगाओं – जनतंत्र बचाओं अभियान को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका निर्वहन करें।

अपीलार्थी

गोपाल दास गर्ग

संयोजक

दलतंत्र भगाओ- जनतंत्र बचाओ अभियान

गणेशपुरा, मुरैना म0प्र

07532-227836

ग्‍वालियर टाइम्‍स के 5 वर्ष पूर्ण, छठवें वर्ष में प्रवेश

नवम्बर 16, 2009

ग्‍वालियर टाइम्‍स के 5 वर्ष पूर्ण, छठवें वर्ष में प्रवेश

हवायें लाख रोकें रास्‍ता, आंधियॉं बनकर ।

मगर वो छा ही जाते हैं, जो बादल घिर कर आते हैं ।।

स्‍वयंसेवी संस्‍था नेशनल नोबल यूथ अकादमी द्वारा संचालित एवं स्‍वामित्‍वाधीन वेबसाइट ग्‍वालियर टाइम्‍स www.gwaliortimes.com ने आज 16 नवम्‍बर 2009 को अपने पंजीयन व संचालन के 5 वर्ष पूर्ण कर लिये हैं और यह वेबसाइट आज छठवें वर्ष में प्रवेश कर गयी है , यह वेबसाइट 16 नवम्‍बर 2004 को पंजीकृत एवं प्रारम्‍भ होकर संचालित होना शुरू हुयी थी । इस अवसर पर हम अपने सभी शुभेच्‍छुओं, सहयोगियों, विज्ञापनदाताओं, पाठकों एवं इण्‍टरनेट व्‍यूयर्स के शुक्र गुजार हैं जिनके असीम प्‍यार, सहयोग एवं स्‍नेह से एक लम्‍बा दौर बिना व्‍यवधान हमने आज पूरा कर लिया । शेष बातें विशेष संपादकीय में

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द’’ मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी एवं प्रधान संपादक ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह

दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता द ीनानाथ कहाये

नवम्बर 16, 2009

दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता दीनानाथ कहाये

GOPAL DAS GARG

जनता बनी है सानी सबकी

दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता दीनानाथ कहाये।

दीन हीन जनता ने पूजा, फिर भी उसके कष्ट बढ़ृाये ॥1॥

कुर्सी-धारक करते मनमर्जी, नहीं सुनते हैं किसी की अर्जी. ॥2॥

मंत्री खाता, अफसर खाता, नेता खाता और खिलाता।

जनता बनी है सानी सबकी, सत्ताकी खदान में खाता ॥ 3॥

धन लोलुपता की बाढ़ आ गई, मान वहे मनमानी में।

घर-द्वार सब चौपट हो गया, आपसी खींचातानी में ॥ 4॥

धन आधारित राजनीति में, नैतिकता का हरण हुआ।

देश समर्पित नेताओं का, राजनीति से क्षरण हुआ ॥ 5॥

शासन और प्रशासन में, धरणीधर का मान है।

आम प्रजाजन रोता फिरता,नहीं कोई पहचान है॥ 6॥

दलतंत्र भगाओं- जनतंत्र बचाओं अभियान में,

सबका कद समान है। ना ही कोई छोटा-बड़ा ना कोई पद पहचान है।

तरण करेगा इस पीड़ा से, ऐसा यह अभियान है ॥ 7॥

प्रस्तुती..गोपालदास गर्ग मुरैना

वे फोन लगाते रहे, लोक सेवक साहब स्‍व िच आफ करके सोते रहे, किस्‍सा मुरैना का

नवम्बर 15, 2009

वे फोन लगाते रहे, लोक सेवक साहब स्‍विच आफ करके सोते रहे, किस्‍सा मुरैना का

मुरैना 14 नवम्‍बर 09, सबेरे 6 बजे से संभागीय मुख्‍यालय मुरैना पर देर रात तक अबाध रूप से अघोषित बिजली गोल, अवसर चाचा नेहरू के जन्‍मदिवस पर शहर व अंचल में आयोजित कार्यक्रमों का ।

मामला भोपाल तक पहुँचा (यह मामला भोपाल में पिछले तीन चार दिनों से छान बीन में चल रहा है ) और भोपाल के हाई प्रोफाइल प्रदेश भाजपा नेता व्‍यक्तिगत रूचि लेकर मामले की पड़ताल में जुटे हैं ।

13- 14 नवंबर की दरम्‍यानी रात मुरैना भोपाल के बीच दनादन फोन खटकते हैं और रूथानीय भाजपा नेताओं नेताओं को भी अलर्ट किया जाता है । भाजपा जिलाध्‍यक्ष नागेन्‍द्र तिवारी सबेरे ही मुरैना की आम जनता में से कई लोगों से फोन पर बात करते हैं इसके बाद पूरे दिन यानि सबेरे 6 बजे से बिजली पूरी तरह गोल होती है और देर रात साढ़े 9 बजे तक बिजली सप्‍लाई पूरी तरह बन्‍द रहती है ( शहर मुरैना- संभागीय मुख्‍यालय)

इसी दिन एक कार्यक्रम में दिल्‍ली नगर निगम से एक वरिष्‍ठ आई.ए.एस. ( भारत सरकार के कई मंत्रालयों में कार्यरत रह चुके) का मुरैना में एक कार्यक्रम चल रहा होता है,, उनके साथ सुप्रीम कोर्ट की महिला एडवोकेट और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्‍य भी मुरैना आते हैं और बिजली गोल, जनता परेशान ।

भोपाल से मुरैना हॉट लाइन पर भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी मुरैना की जनता से निरन्‍तर सम्‍पर्क में, रात 10 बजे तक भाजपा के सभी हाई प्रोफाइल प्रदेश पदाधिकारी मुरैना के एस.ई. एस .के. सचदेवा के मोबाइल पर पूरे दिन भर और देर रात तक फोन लगा कर चेक करते हैं हर बार साहब का मोबाइल स्विच ऑफ आता है । भाजपा हाईप्रोफाइल नेता चौंक भी जाते हैं और बेहद गंभीर भी हो जाते हैं । और स्‍वयं ही बोलते हैं कि हम सब समझ गये कि वहॉं क्‍या हो रहा है । सब कुछ हमारी समझ में आ गया । मामला और अधिक उच्‍च स्‍तर पर जाता है फिर मंत्रालयों के फोन खटकते हैं । लेकिन स्थिति जस की तस । जूनियर इंजीनियर तथा शिकायत कार्यालय तक के टेलीफोन चेक किये जाते हैं परिणाम वही शून्‍य बटा सन्‍नाटा ।

अंतत: एस.ई. से बड़े अधिकारीयों के मोबाइल व फोन नंबरों की तलाश चालू होती है….. खबर लिखे जाने तक पूरी मध्‍यप्रदेश भाजपा इस सिरदर्दी से जूझ रही थी । देखते हैं आगे क्‍या होता है । फिलहाल भाजपा नेताओं और मंत्रियो ने मुरैना की जनता से विभिन्‍न प्रकार की शिकायतें अपने कार्यालय पते पर, ई मेल पर, डाक द्वारा या मोबाइल फोन पर मंगाई हैं ।

देखते हैं कि इस हंगामें का अंतिम परिणाम क्‍या निकलता है, ज्ञातव्‍य है कि जहॉं मुरैना की बिजली सप्‍लाई पूरी तरह चौपट होकर ठप्‍प है वहीं फर्जी बिल बांटकर करोड़ों रूपये की फर्जी वसूली विद्युत वितरण कंपनी के नाम पर जाली बिल तैयार कर मुरैना के बिजली अधिकारीयों ने कर डाली है ।

ग्‍वालियर टाइम्‍स से चर्चा के दौरान भाजपा के उच्‍च स्‍तरीय नेताओं ने सारे मामले में कड़ी कार्यावाही करने और जनता की सारी परेशानीयों को दूर करने तथा भ्रष्‍ट व नाकारा अधिकारीयों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर दण्डित कराये जाने का सम्‍पूर्ण आश्‍वासन दिया है अत: ग्‍वालियर टाइम्‍स अपना कार्य पुन: प्रारंभ करने का आश्‍वासन देती है (यदि बिजली समस्‍या सुधरी तो) । सारे मामले में भाजपा अध्‍यक्ष नागेन्‍द्र तिवारी बेहद लापरवाह और जनसमस्‍याओं के प्रति पूर्णत: उदासीन सिद्ध हुये और उनकी कार्यप्रणाली पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गयी ।

दूसरी ओर मामले की एक अन्‍य गोपनीय छानबीन आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो और लोकायुक्‍त एवं सी.बी.आई के साथ कोर सेण्‍टर द्वारा भी शीघ्र ही प्रारंभ किये जाने की खबर है, मुरैना वासीयों द्वारा राष्‍ट्रीय मानव अधिकार आयोग एवं महामहिम राष्‍ट्रपति भारत सरकार को भी शिकायतें की जाने की खबर है ।

Hello world!

अप्रैल 21, 2009

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